"अक्ल बड़ी या भैस"
............... .....
एक बार किसी गावं में चोपाल पर कुच्छ लोग ज्ञान और अज्ञान पर चर्चा कर रहे थे|
कुच्छ लोग अज्ञान को अच्छा बता रहे थे तो कुच्छ लोग ज्ञान को|
उन लोगो के बीच एक जाट भी बेठा था और उनकी चर्चा लगातार सुन रहा था|
जब चोपाल उठने का समय हुआ तो एक व्यक्ती ने चर्चा करते हुए मुहावरा कहाँ|
"अक्ल बड़ी या भैस"
तब जाट तपाक से बोला, "ना तो अक्ल बड़ी और ना ही भैस"
तो सब उसकी और देखने लगे और उससे एक सुर में सबने पुच्छ, फिर तू ही बता कोन बड़ी"
"जाट बोला बड़ी मेरी "लाठी" जो अक्ल और भैस दोनों को ठिकाने बैठादे
............... .....
एक बार किसी गावं में चोपाल पर कुच्छ लोग ज्ञान और अज्ञान पर चर्चा कर रहे थे|
कुच्छ लोग अज्ञान को अच्छा बता रहे थे तो कुच्छ लोग ज्ञान को|
उन लोगो के बीच एक जाट भी बेठा था और उनकी चर्चा लगातार सुन रहा था|
जब चोपाल उठने का समय हुआ तो एक व्यक्ती ने चर्चा करते हुए मुहावरा कहाँ|
"अक्ल बड़ी या भैस"
तब जाट तपाक से बोला, "ना तो अक्ल बड़ी और ना ही भैस"
तो सब उसकी और देखने लगे और उससे एक सुर में सबने पुच्छ, फिर तू ही बता कोन बड़ी"
"जाट बोला बड़ी मेरी "लाठी" जो अक्ल और भैस दोनों को ठिकाने बैठादे
No comments:
Post a Comment