वो जाट ही थे जिन्होंने अपने खून से स्वतन्त्रता संग्राम का बदला रंग....
जाट अकेली ऐसी कोम जिस्ते अंग्रेज़ भी थे कांपे,
*Martial Race* का नाम दे के सुसरे देश छोड़ के भागे,
फेर आई पाकिस्तानियों की बारी 1965, 1971 में उन्हें खूब मज़ा चखाया,
इतना पिट्या इतना पिट्या, छटी का दूध याद दिलाया....
जाटों ने एकजुट हो के चौ. चरण सिंह को प्रधानमंत्री अरर ताऊ देवीलाल को ऊप-प्रधानमन्त्री बनवाया,
अरर फेर एकजुट हो के किसान घाट का निर्माण कराया....
वो एक जाट ही था जिसने अंग्रेजो की गुलामी का जवाब दिया,
कपिल ने जा के इंग्लैंड में World Cup अपने नाम करवाया,
फिर समय वो आया जब भारतीय टीम में जाट ही जाट नज़र आये,
नेहरा, सहवाग, सिधू अरर जाने कितने दुनिया के दिल को भाये....
फिल्मों में धर्मेंद्र ने जाटों का नाम बढाया,
जो ना कर सका पहले कोई, वैसा काम कर दिखाया.....
महेंद्र चौधरी ने फिजी में प्रधानमंत्री बन के गाड़े झंडे,
द्रढ निश्चय और साहस के बल पे तोड़ दिए स्पिघ्त के डंडे....
आज भी कोई कोम ये ना कहती हम है क्या सिवाय जाटों के,
और शान से कहे क्यों ना..? आखिर सारी दुनिया में चर्चे है हमारे ठाटों के....!
जाट अकेली ऐसी कोम जिस्ते अंग्रेज़ भी थे कांपे,
*Martial Race* का नाम दे के सुसरे देश छोड़ के भागे,
फेर आई पाकिस्तानियों की बारी 1965, 1971 में उन्हें खूब मज़ा चखाया,
इतना पिट्या इतना पिट्या, छटी का दूध याद दिलाया....
जाटों ने एकजुट हो के चौ. चरण सिंह को प्रधानमंत्री अरर ताऊ देवीलाल को ऊप-प्रधानमन्त्री बनवाया,
अरर फेर एकजुट हो के किसान घाट का निर्माण कराया....
वो एक जाट ही था जिसने अंग्रेजो की गुलामी का जवाब दिया,
कपिल ने जा के इंग्लैंड में World Cup अपने नाम करवाया,
फिर समय वो आया जब भारतीय टीम में जाट ही जाट नज़र आये,
नेहरा, सहवाग, सिधू अरर जाने कितने दुनिया के दिल को भाये....
फिल्मों में धर्मेंद्र ने जाटों का नाम बढाया,
जो ना कर सका पहले कोई, वैसा काम कर दिखाया.....
महेंद्र चौधरी ने फिजी में प्रधानमंत्री बन के गाड़े झंडे,
द्रढ निश्चय और साहस के बल पे तोड़ दिए स्पिघ्त के डंडे....
आज भी कोई कोम ये ना कहती हम है क्या सिवाय जाटों के,
और शान से कहे क्यों ना..? आखिर सारी दुनिया में चर्चे है हमारे ठाटों के....!
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