Sunday 21 April 2013

REAL JAAT BY GAGAN JAKHAR{JAAT}

हरदम है बेताज बादशाह, ना परवाह है लाठ की।
बालक हो चाहे छैल गाभरू, उमर चाहे हो साठ
की।।
मूंछ मरोड़ी लाकै चालै, होता गजब डिठौरा सै।
हाली, पाली और रूखाली, सही जाट
का छोरा सै।।
हाली, पाली और रूखाली, सही जाट
का छोरा सै।।
लंबी गर्दन नाक नुकीली, ऊंचा तगड़ा और
बलवान।
चौड़ी छाती बदन गठीला, सही जाट
की यही पहचान।।
चाल ढ़ाल मस्तानी होती, रंग से गौरा-गौरा सै।
बड़ा सजीला और रौबिला, सही जाट
का छोरा सै।।
बड़ा सजीला और रौबिला, सही जाट
का छोरा सै।।
परहित में जो जान गंवा दे, अर्पित करदे तन मन
धन।
खून पसीना बहा-बहा के, कर
सकता सबको प्रसन्न।।
भूखा प्यारा रहकर भी, हिम्मत से
भरा बखौरा सै।
सबकी रक्षा करने वाला, सही जाट
का छोरा सै।।
सबकी रक्षा करने वाला, सही जाट
का छोरा सै।।
स्वस्थ शुद्ध तन मन है इसका, नेक है
इसका चाल चलन।
दया दृष्टि रखने वाला, सब जीवों को दे जीवन।।
ना ईर्ष्या व द्वेष का इसके अंदर कोई
ढिंडौरा सै,
बाहर भीतर सदा एकसा, सही जाट
का छौरा सै।

No comments:

Post a Comment